5 Best Poem On Diwali – दिवाली पे 5 शानदार कविताएं
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5 Best Poem On Diwali – दिवाली पे 5 अच्छी कविताएं
हमारी कविता का शीर्षक है दीपावली का त्योहार आया
दीपावली का त्योहार आया – poem on diwali
साथ में खुशियों की बहार नायकों की सजी है
कतार जगमग आ रहा है
पूरा संसार अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया
दीपावली का त्योहार आया साथ में खुशियों की बहार लाया
बाजारों Me रौनके छाई किसानों के मुंह पर Khusiyon की लाली आई
भाईचारे का संदेश लाया दीपावली का त्योहार आया
साथ में खुशियों की बहार लाया
Poem On Diwali 2.
दिवाली खुशी वाले खेल खिलौने और बजाय बाजे
तन से ज्योति परम ज्योति जलाए मन के अंधकार को दूर भगाए
दीप जलाएं सबके घर पर दोनों आंखें उनके घर पर हर मन में जब दीप जलेगा
तभी दिवाली पर बनेगा खुशियां सबके घर घर बैठे खुशियाँ बांटो मन का धूम धड़ाका खुशी मनाएं
सभी जगह पर दीप जलाएं एक भी ऐसा कोना नहीं रह जाये दिवाली देखो ढेरों दीप जले हैं नहीं पटाखे वहां चले हैं
कैसी सुंदर हवा वहां है बोलो कैसी हवा यहां है सुनो पटाखे नहीं जलाए धुआँ धुन से मुक्ति पाएं
दिवाली Poem 3.
इस साल दीवाली कुछ इस तरह मनाना दोस्तों यह का शीर्षक है
तो जले दिल से दुआ करते हैं
कि इस साल दीवाली कुछ इस तरह मनाना दोस्तों
इस साल दीवाली कुछ इस तरह मनाना दोस्तों
नफरत को बुलाकर दीप खुशियों के जनाना दोस्तों
नफरत को बुलाकर भी खुशियों के जलाना दोस्तों
न रह जाए कोई गम ना कोई शिकायत ना रह जाए
दीवारों पर खुशियों के रंग लगाना दोस्तों
इस साल दीवाली कुछ इस तरह मनाना दोस्तों
धनतेरस पर बहुत लिया घर का सामान
धनतेरस पर बहुत लिया घर का सामान
इस साल किसी गरीब का घर सजाना दोस्तों
इस साल दिवाली कुछ इस तरह मनाना दोस्तों
Poem On Diwali 4.
दूर कर देना अंधकार को दूर कर देना अंधेरों को
मिटा देना अंधकार को दीपक की तरह जगमगाता दोस्तों
कुछ इस तरह दिलों को जोड़ना दिलो से
कुछ इस तरह दिलों को जोड़ ना दिलों से
सिर्फ अपनों को नहीं परायों को भी अपना बनाना दोस्तों
इस साल दीवाली कुछ इस तरह बनाना दोस्तों
इस साल दीवाली कुछ इस तरह मनाना दोस्तों
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Poem On Diwali 5.
अंधकार को दूर भगाओ पहले स्नेह लुटाओ
सब पर मिल खुशियों के दीप जलाओ
शुद्ध करो ने जो मन मंदिर को रोज अनन्नास
इसपर पर हो अर्पित जीवन स्वार्थ
मन धन सब छोड़ो जो आंखों पर पड़ा हुआ है
पहले वह अज्ञान उठाओ पहले स्नेह लुटाओ
सब पर फिर खुशियों के दीप जलाओ
जहां रोशनी देना दिखाएं उस पर भी सोचो
पल दो पल वह किसी की आंखों में भी है
आशाओं का शीतल जल जीवन पथ में बैठते हैं
उनकी नई राह दिखलाओ पहले स्नेह लुटाओ
सब पर फिर खुशियों के दीप जलाओ
नवल ज्योति से प्रकाश नई सोच नई कल्पना
दिशा यश वैभव सुख बरसे पूरा हो जाए
हर सपना जिसमें सभी संघ दिखते हो
कुछ ऐसे तस्वीर Banao पहले स्नेह लुटाओ सब पर फिर खुशियों के दीप जलाओ
Poem On Diwali 6.
जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे
खुशी खुशी सब हंसते जाओ आज दिवाली रे
मैं तो लूंगा खेल खिलौने तुम भी लेना भाई
नाचो गाओ खुशी मनाओ आज दिवाली आई
आज पटाखे खूब चलाओ आज दिवाली रे
दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे
नए-नए मैं कपड़े पहनो खाओ
खूब मिठाई हाथ जोड़कर पूजा कर लूं आज दिवाली आई,
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