Pranab Mukherjee Death – और जीवन से जुड़ी कुछ बातें
Pranab Mukherjee का जीवन
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है
वह 84 वर्ष के थे और वह पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली में एक R & R अस्पताल में भर्ती थे
वे मस्तिष्क में एक रक्त के थक्के के के ऑपरेशन के लिए अस्पताल गए थे
और वहां जांच के दौरान वह कोरोनावायरस गए थे 10 अगस्त को उन्होंने ट्वीट करके यह जानकारी सारी देवी थी |
सर्जरी के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को कोमा में चले गए
और R & R अस्पताल रोजाना इसकी स्वास्थ्य की जानकारी दे रहा था
सोमवार की शाम 5:45 बजे के करीब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और पूर्व सांसद
अभिजीत मुखर्जी के उन्होंने ट्वीट करके इनकी मौत की पुष्टि की थी
ट्वीट में यह लिख रहा था कि भारी मन से आपको सूचित कर रहा हूं
कि आरएनआर अस्पताल में पूरी कोशिशों के बावजूद भारत के लोगों के प्रार्थना और दुआओं के बावजूद भी से प्रणब मुखर्जी अब इस दुनिया में नहीं रहे
देश के वर्तमान प्रधान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करके पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया उन्होंने लिखा था
कि भारत रत्न श्री pranb mukharji का निधन भारत के लिए शोकाकुल है और हमारे राष्ट्र के विकास के पथ पर उन्होंने अमिट छाप छोड़ी है
एक विद्वान समुदाय ऊंचे कद के राजनेता जिन्हें सभी समुदायों और राजनीतिक वर्गों में सहारा गया
Pranab mukherjee का जन्म
प्रणब मुखर्जी की का जन्म 11 दिसंबर 1935 को बीरभूम जिले के एक गांव में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था
उनके पिता कामना की कर मुखर्जी देश की स्वतंत्रता आंदोलन के समय आनंद आंदोलन में सक्रिय रहे
और 1952 में 1952 से 1964 के बीच बंगाल विधान परिषद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के परिणीति रहे
उनकी मां का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था
प्रणब मुखर्जी 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक भारत के 13 राष्ट्रपति रहे
Pranab Mukherjee इंदिरा गांधी हत्या के बाद हुए लोकसभा के चुनाव के बाद राजीव गांधी की समर्थक मंडली में षड्यंत्र के शिकार हुए
- जिन्होंने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने दिया जिस जिस ने इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने दिया
कुछ समय के लिए इन्हें कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया
इस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक राजनीतिक दल राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का गठन किया
लेकिन सन 1990 में राजीव गांधी के साथ समझौता होने के बाद उन्होंने अपने दल का कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया
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